कभी आंसू , कभी हँसी
जैसे टुकड़े-टुकड़े में बँटा है जिंदगी !
सीने में दिल धड़कता है,चुपके-चुपके
जैसे बिना बताये ,अनजान सफ़र पर चल पड़ा है जिंदगी !
तू कहे तो हँस दे ,तू कहे तो रो दे
हर वक़्त अपनी हुकूमत चलाता है जिंदगी !
तु नहीं तो मै नहीं ,मै नहीं तो तु नहीं
ऐसा याराना दुनिया में कही नहीं है जिंदगी !
कभी तो अपना चेहरा दिखा ,कब तक रहेंगे हम-तुम यूँ बन अजनबी
एक चेहरे पे इतने चेहरे क्यों लगाता है जिंदगी !
जैसे टुकड़े-टुकड़े में बँटा है जिंदगी !
सीने में दिल धड़कता है,चुपके-चुपके
जैसे बिना बताये ,अनजान सफ़र पर चल पड़ा है जिंदगी !
तू कहे तो हँस दे ,तू कहे तो रो दे
हर वक़्त अपनी हुकूमत चलाता है जिंदगी !
तु नहीं तो मै नहीं ,मै नहीं तो तु नहीं
ऐसा याराना दुनिया में कही नहीं है जिंदगी !
कभी तो अपना चेहरा दिखा ,कब तक रहेंगे हम-तुम यूँ बन अजनबी
एक चेहरे पे इतने चेहरे क्यों लगाता है जिंदगी !
5 comments:
एक चेहरे पे इतने चेहरे क्यों लगाता है जिंदगी !
....
बहुत अहम् सवाल है........
इसी तरह लिखते रहो.......
zindagi ek pheli hai.....suljana bahut mushkil hai..her pal naya sawal..per jawab kanhi nahi milta
तु नहीं तो मै नहीं ,मै नहीं तो तु नहीं
ऐसा याराना दुनिया में कही नहीं है जिंदगी !
Bahut sundar likha hai....
Friendship is not about finding similarities, it is about respecting differences. You are not my friend coz you are like me, but because i accept you and respect you the way you are
bahut sundar
sa-sneh
gita pandit
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