मेरा जान से भी प्यारा वतन भारत को समर्पित............
मेरा वतन मुझे जान से भी प्यारा है
अब न कहेंगे ,सदियों से कहते आ रहे है ,हिंदुस्तान हमारा है !
हिमालय की ऊँचाई न दिखे ,तो देख लो हिंद कितना गहरा है
सरहद छूने की कोशिश मत करना ,उसपर हमारा पहरा है !
अब न कहेंगे ,सदियों से कहते आ रहे है ,हिंदुस्तान हमारा है !
तुम भूल से भी मत कहना ,मेरा वतन बेचारा है
गुलशन में खिला हर फूल मानो , अब बन गया अंगारा है!
अब न कहेंगे ,सदियों से कहते आ रहे है ,हिंदुस्तान हमारा है !
काश्मीर मांगने की जुर्रत न करना ,वही तो वतन का चेहरा है
लहरा देते है तिरंगा वही पर , होते जहाँ हम खड़ा है !
अब न कहेंगे , सदियों से कहते आ रहे है ,हिंदुस्तान हमारा है !
करते है हम तुमसे अमन की बाते ,तो समझते हो हमने हारा है
मिट जायेंगे खुद तुम्हे मिटाके ,हर नौजवां ने पुकारा है !
अब न कहेंगे ,सदियों से कहते आ रहे है ,हिंदुस्तान हमारा है !
सत्य,अहिंसा पाए है हम ,जो गाँधी ,बुद्ध का नारा है
अब तो हिंद का बच्चा-बच्चा भी , भगत सिंह बनने पर अड़ा है !
अब न कहेंगे ,सदियों से कहते आ रहे है , हिंदुस्तान हमारा है !
मेरा वतन मुझे जान से भी प्यारा है !
मेरा वतन मुझे जान से भी प्यारा है !
मेरा वतन मुझे जान से भी प्यारा है !
मेरा वतन मुझे जान से भी प्यारा है
अब न कहेंगे ,सदियों से कहते आ रहे है ,हिंदुस्तान हमारा है !
हिमालय की ऊँचाई न दिखे ,तो देख लो हिंद कितना गहरा है
सरहद छूने की कोशिश मत करना ,उसपर हमारा पहरा है !
अब न कहेंगे ,सदियों से कहते आ रहे है ,हिंदुस्तान हमारा है !
तुम भूल से भी मत कहना ,मेरा वतन बेचारा है
गुलशन में खिला हर फूल मानो , अब बन गया अंगारा है!
अब न कहेंगे ,सदियों से कहते आ रहे है ,हिंदुस्तान हमारा है !
काश्मीर मांगने की जुर्रत न करना ,वही तो वतन का चेहरा है
लहरा देते है तिरंगा वही पर , होते जहाँ हम खड़ा है !
अब न कहेंगे , सदियों से कहते आ रहे है ,हिंदुस्तान हमारा है !
करते है हम तुमसे अमन की बाते ,तो समझते हो हमने हारा है
मिट जायेंगे खुद तुम्हे मिटाके ,हर नौजवां ने पुकारा है !
अब न कहेंगे ,सदियों से कहते आ रहे है ,हिंदुस्तान हमारा है !
सत्य,अहिंसा पाए है हम ,जो गाँधी ,बुद्ध का नारा है
अब तो हिंद का बच्चा-बच्चा भी , भगत सिंह बनने पर अड़ा है !
अब न कहेंगे ,सदियों से कहते आ रहे है , हिंदुस्तान हमारा है !
मेरा वतन मुझे जान से भी प्यारा है !
मेरा वतन मुझे जान से भी प्यारा है !
मेरा वतन मुझे जान से भी प्यारा है !
8 comments:
बहुत सुन्दर स्वतंत्रता दिवस की बहुत-बहुत बधाई।
करते है हम तुमसे अमन की बाते ,तो समझते हो हमने हारा है
मिट जायेंगे खुद तुम्हे मिटाके ,हर नौजवां ने पुकारा है !
अब न कहेंगे ,सदियों से कहते आ रहे है ,हिंदुस्तान हमारा है !..........
इसी जोश की ज़रूरत है,यही आन ,यही मान,........
इसी शान की आवश्यकता है....
तुम्हारी कलम ऐसे ही गौरवान्वित शब्दों से भारतवासियों को प्रेरणा दे.
आप को आज़ादी की शुभकामनाएं .....
हिमालय की ऊँचाई न दिखे ,तो देख लो हिंद कितना गहरा है
सरहद छूने की कोशिश मत करना ,उसपर हमारा पहरा है !
अब न कहेंगे ,सदियों से कहते आ रहे है ,हिंदुस्तान हमारा है !
kavita padi bahut achi lagi........azadi divas mubarak ho..
bahut sunder...desh ke prati aaj ke yuvakon ka itna prem sarahneeya hai...yunhi likhte rahiye...
Abha
Bahut payara ahsas yuva dilo me jagati rachana.
acha laga padke
Excellent poem.
Happy independence Day!
बहुत सुंदर. लिखते रहिये.
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